
भारत में डिजिटल भुगतान का चेहरा तेजी से बदल रहा है. जहां कभी पेटीएम और गूगल पे जैसे ऐप्स का जलवा था, अब वहां पेमेंट ऐप का एक नया बादशाह उभरा है.
भारत में डिजिटल भुगतान का चेहरा तेजी से बदल रहा है. जहां कभी पेटीएम और गूगल पे जैसे ऐप्स का जलवा था, अब वहां एक नया बादशाह उभरा है- फोनपे. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी जून 2025 के आंकड़ों के अनुसार, फोनपे ने एक बार फिर अपनी बादशाहत साबित करते हुए 82% से अधिक UPI ट्रांजैक्शन पर गूगल पे के साथ मिलकर कब्जा जमा लिया है, जिसमें अकेले फोनपे का हिस्सा सबसे ज्यादा है.
जून महीने में UPI नेटवर्क पर कुल 18.4 अरब ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी कुल वैल्यू ₹24.04 लाख करोड़ रही. इन ट्रांजैक्शन में से फोनपे ने अकेले 8.55 अरब ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए, जिनकी कुल वैल्यू ₹11.99 लाख करोड़ रही. यानी ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में इसका हिस्सा 46.5% और वैल्यू में करीब 50% रहा. फोनपे लगातार इस सेगमेंट में सबसे आगे बना हुआ है और अब यह जल्द ही भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग की दिशा में भी बढ़ रहा है.
गूगल पे और पेटीएम हुए पीछे
गूगल पे ने जून में 6.54 अरब ट्रांजैक्शन और ₹8.41 लाख करोड़ की ट्रांजैक्शन वैल्यू दर्ज की, जो वॉल्यूम में 35.6% और वैल्यू में 35% हिस्सा दर्शाता है. वहीं पेटीएम, जो वन97 कम्युनिकेशंस के तहत ऑपरेट होता है, तीसरे स्थान पर खिसक गया है. पेटीएम ने जून में 1.27 अरब ट्रांजैक्शन किए जिनकी वैल्यू ₹1.34 लाख करोड़ रही, यानी वॉल्यूम में सिर्फ 6.9% और वैल्यू में 5.6% हिस्सा.
छोटे ऐप्स भी दे रहे हैं चुनौती
पेटीएम के पीछे भी अब नए खिलाड़ी उभर रहे हैं. सचिन बंसल की नावी ऐप ने 406 मिलियन ट्रांजैक्शन और ₹21,815 करोड़ की वैल्यू दर्ज की, वहीं ट्रीयो की फैमऐप ने 113 मिलियन ट्रांजैक्शन के साथ ₹1,440 करोड़ की वैल्यू प्रोसेस की.
बैंक भी पीछे नहीं
UPI रेमिटर के तौर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सबसे आगे रहा, जिसने जून में 4.91 अरब ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए और 93.64% की अप्रूवल रेट के साथ शानदार परफॉर्मेंस दी. एचडीएफसी बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी क्रमशः 1.47 अरब और 1.23 अरब ट्रांजैक्शन के साथ टॉप बैंकों में जगह बनाई.
डिजिटल इंडिया की तस्वीर बदल रही
फोनपे की यह सफलता इस बात की ओर इशारा करती है कि भारत का डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम अब नए दौर में प्रवेश कर चुका है. तेज सर्विस, उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस और भरोसेमंद टेक्नोलॉजी के साथ फोनपे ने गूगल पे और पेटीएम जैसे दिग्गजों को भी पीछे छोड़ दिया है.
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